THE GREATEST GUIDE TO हनुमान चालीसा

The Greatest Guide To हनुमान चालीसा

The Greatest Guide To हनुमान चालीसा

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बिलासपुर में नहर टूटने से खेतों में भरा पानी

भावार्थ – ज्ञान और गुणों के सागर श्री हनुमान जी की जय हो। तीनों लोकों (स्वर्गलोक, भूलोक, पाताललोक) को अपनी कीर्ति से प्रकाशित करने वाले कपीश्वर श्री हनुमान जी की जय हो।

 “हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।”

व्याख्या – जन्म–मरण–यातना का अन्त अर्थात् भवबन्धन से छुटकारा परमात्म प्रभु ही करा सकते हैं। भगवान् श्री हनुमान जी के वश में हैं। अतः श्री हनुमान जी सम्पूर्ण संकट और पीड़ाओं को दूर करते हुए जन्म–मरण के बन्धन से मुक्त कराने में पूर्ण समर्थ हैं।

यहाँ सर्वसुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख से है जो श्री मारुतनन्दन के द्वारा ही मिल सकता है।

हनुमान के इच्छानुसार सुर्य देव का हनुमान को शिक्षा देना सुर्य देव website के अनन्त, अनादि, नित्य, अविनाशी और कर्म-साक्षी होने का वर्णन करता है।

हनुमान जी से सम्बंधित ज्यादा जानने के लिए क्लिक करें.

बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि

भावार्थ – हे महाप्रभु हनुमान जी! संसार के जितने भी कठिन कार्य हैं वे सब आपकी कृपामात्र से सरल हो जाते हैं।

श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स के अंग्रेजी और हिन्दी अनुवाद निम्न लिखित हैं। सटीक हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।

भावार्थ – आप सारी विद्याओं से सम्पन्न, गुणवान् और अत्यन्त चतुर हैं। आप भगवान् श्री राम का कार्य (संसार के कल्याण का कार्य) पूर्ण करनेके लिये तत्पर (उत्सुक) रहते हैं।

श्री सीताराम जी के चरणों में प्रीति और भक्ति प्राप्त हो जाय यही जीवनफल है। यह प्रदान करने की क्षमता श्री हनुमान जी में ही है।

अर्थ- जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करें तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।

उत्तर प्रदेश के रिहंद बांध से पानी छोड़ा गया

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